बृजराज कुमार सिंह (Dr. Brijraj Kumar Singh)
 
सहायक प्रोफेसर (Assistant Professor)
 
Educational Qualification - Ph.D., M.A., SET Qualified.
 
 
CONTACT
Department of Hindi
Faculty Of Arts
Dayalbagh Educational Institute (Deemed to be University)
Dayalbagh, AGRA - 282005
Email:  This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.  
 
 

शैक्षिक योग्यता:

हिन्दी विभाग,काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,वाराणसी से बीए (ऑनर्स),एम ए (हिन्दी) एवं  शोध उपाधि (पी. एच-डी) ‘मनन्न द्विवेदी गजपुरी और उनका साहित्य’विषय पर प्राप्त की। 

विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में 40 से अधिक आलेख/शोध पत्र प्रकाशित,एवं 10 पुस्तकों में अध्याय। लगभग 25 संगोष्ठियों में प्रतिभाग एवं व्याख्यान। 

संगोष्ठी/कार्यशाला आयोजित

  • राष्ट्रीय संगोष्ठी : 5
  • कार्यशाला: 2
  • आमंत्रित व्याख्यान: 15

संपादन:

वीक्षा पत्रिका का संपादन, लोकायत प्रकाशन, वाराणसी , 2009 से.

पुस्तकें:

  • मन्नन द्विवेदी गजपुरी रचनावली का संपादन (केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय,भारत सरकार से अनुदान प्राप्त)
  • कविता संग्रह  “सपने पूरे तो हों”, प्रतिश्रुति प्रकाशन, कोलकाता। 2017
  • कविता पुस्तिका यही हैं मेरे लोगसाखी पत्रिका, प्रेमचंद साहित्य संस्थान से प्रकाशित। 2010
  • भारतीय साहित्य के निर्माता श्रृंखला के अंतर्गत मन्नन द्विवेदी गजपुरी पर विनिबंध (मोनोग्राफ) साहित्य अकेडमी, नई दिल्ली से प्रकाशित।
  • आसिफाओं के नाम (संपादन), नवारुण प्रकाशन 2017

चयनित शोध पत्र/आलेख:

वर्ष

क्र.सं.

आलेख का शीर्षक

पत्रिका का नाम

अंक/ पृष्ठ/  ISSN

2022

1.      

स्मृतियों से बनती कहानियाँ

बनास जन

60-64/2231-6551

2.      

लाहौर का जो जिक्र तूने किया........

पाखी

वर्ष 14/अंक 4/ 132-136

2021

3.      

भवानी प्रसाद मिश्र: तुम लिखते हो मैं बोलता हूँ

विश्व हिन्दी पत्रिका

2021/39-45/1694-2477

2020

 

2019

4.      

पूरबिहा का आत्मकथ्य

चौपाल

जनवरी 2020/ पृष्ठ310/23483466

5.      

सिरहाने मीर के आहिस्ते...        

साखी

29-30, जून 2019/83-90/ 2231-5187

2017

6.      

देखी सुनी वह लोक की बातें

चौपाल

अंक-7/पृष्ठ.38-42/23483466

2017

7.      

कवित्त बनावन खेल करि जानो है

सर्वनाम

अंक-122/2348-2427

2016

8.      

कजरी: पूर्वाञ्चल के लोक जीवन का प्रतिरूप

पुस्तक संस्कृति

अंक:4/ पृष्ठ: 43-45/2582-9548

2015

9.      

मानुषखोर समय की कथा         

साखी

अंक-25/पृ0284-287/ 2231-5187           

10.  

भोजपुरी लोक साहित्य की प्रासंगिकता

वीक्षा

अंक-12/0975-3788